स्वर्गीय लक्ष्मण राव ईमानदार ,सहकारिता पुस्तकालय
पुस्तकालय के मुख्य उद्देश्य
1.विद्यार्थियों एव समाज के लोगो तक सहकारिता के विचार पहुंचना
2.सहकारिता के क्षेत्र में एक वैचारिक केंद्र की स्थापना करना पुस्तकालय के माध्यम से ,यह पुस्तकालय भविष्य में ग्राम,तहसील,जिला स्तर पर हमारी आगामी योजना संचालित करने के लिए वैचारिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
3. वर्तमान युवा पीढ़ी को सहकारिता से संबंधित पुस्तके , चित्र, प्रदर्शन के माध्यम से भविष्य की पीढ़ी को आकर्षित करना ।
4. हमारे भारतीय महापुरषो की जीवनी तथा उनके द्वारा देश एवं हिंदुत्व के लिए किए गए योगदान से परिचित करवाना ।
5.देश मे सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सक्षम हुए लोगो ,की सफलता की कहानियों एव प्रेरक प्रसंग उपलब्ध रहेंगे सहकारिता पुस्तकालय में ।
6. यह सहकारिता पुस्तकालय विद्यार्थियों ,युवाओ के साथ साथ , महिलाओ किसानों एवं समाज के अन्य जानो तक सहकारिता का विचार पहुंचाने तथा उन्हें जागरूक करने का कार्य करेगा ।
7 . सहकारिता पुस्तकालय के सुचारू संचालन के पश्चात उक्त केंद्र को वर्तमान की आवश्यकता को देखते हुए डिजिटल प्लेटफार्म पर लाना भी अति आवश्यक है उक्त पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय भी करना आवश्यक है । इसलिए संबंधित ई पुस्तकालय में सहकारिता के निर्माण से लेकर संचालन एव देश के महापुरषो द्वारा समाज एव देश के लिए किए गए योगदान की जानकारी भी उपलब्ध होगी
प्रत्येक ग्राम ,तहसील ,जिले स्तर पर एक सहकारिता पुस्तकालय की स्थापना करना ।
पुस्तकालय के मुख्य उद्देश्य
1.विद्यार्थियों एव समाज के लोगो तक सहकारिता के विचार पहुंचना
2.सहकारिता के क्षेत्र में एक वैचारिक केंद्र की स्थापना करना पुस्तकालय के माध्यम से ,यह पुस्तकालय भविष्य में ग्राम,तहसील,जिला स्तर पर हमारी आगामी योजना संचालित करने के लिए वैचारिक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
3. वर्तमान युवा पीढ़ी को सहकारिता से संबंधित पुस्तके , चित्र, प्रदर्शन के माध्यम से भविष्य की पीढ़ी को आकर्षित करना ।
4. हमारे भारतीय महापुरषो की जीवनी तथा उनके द्वारा देश एवं हिंदुत्व के लिए किए गए योगदान से परिचित करवाना ।
5.देश मे सहकारिता के माध्यम से आर्थिक रूप से सक्षम हुए लोगो ,की सफलता की कहानियों एव प्रेरक प्रसंग उपलब्ध रहेंगे सहकारिता पुस्तकालय में ।
6. यह सहकारिता पुस्तकालय विद्यार्थियों ,युवाओ के साथ साथ , महिलाओ किसानों एवं समाज के अन्य जानो तक सहकारिता का विचार पहुंचाने तथा उन्हें जागरूक करने का कार्य करेगा ।
7 . सहकारिता पुस्तकालय के सुचारू संचालन के पश्चात उक्त केंद्र को वर्तमान की आवश्यकता को देखते हुए डिजिटल प्लेटफार्म पर लाना भी अति आवश्यक है उक्त पुस्तकालय को ई-पुस्तकालय भी करना आवश्यक है । इसलिए संबंधित ई पुस्तकालय में सहकारिता के निर्माण से लेकर संचालन एव देश के महापुरषो द्वारा समाज एव देश के लिए किए गए योगदान की जानकारी भी उपलब्ध होगी